April 28, 2024

भारी लापरवाही: अस्पताल में भर्ती महिला की आंख कुतर गए चूहे, पलक के हुए दो टुकड़े


कोटा: राजस्थान के कोटा के सबसे बड़े MBS अस्पताल में भारी लापरवाही का मामला सामने आया है. यहां भर्ती एक महिला की आंख को चूहों ने कुतर डाला. महिला की पलक के दो टुकड़े हो गए. महिला पेरेलाइज्ड है. महिला करीब 42 दिनों से अस्पताल में भर्ती है. सोमवार को मामला सामने आने के बाद अस्पताल में हड़कंप मच गया है. अब अस्पताल के अधिकारी मामले की जांच कराने की बात कर रहे हैं.


बता दें कि महिला पिछले 42 दिनों से कोटा के MBS अस्पताल में भर्ती है. महिला जीबीएस यानी गुलन बैरी सिंड्रोम से पीड़ित है. इस बीमारी से ग्रसित महिला का शरीर केवल गर्दन से ऊपर ही चेतना की स्थिति में है. बाकी का पूरा शरीर लकवा की चपेट में है. महिला के पति देवेंद्र सिंह ने बताया कि उनकी 30 वर्षीय पत्नी रूपमती को लकवे का अटैक आने पर उसने पत्नी को हॉस्पिटल में भर्ती करवाया था.

जो 42 दिन से न्यूरो आईसीयू में भर्ती है. उनके शरीर ने हरकत करना बंद कर दिया है. उसका पूरा शरीर पेरेलाइज है. वो शरीर का कोई हिस्सा हिला नहीं सकती. साथ ही बोल भी नहीं सकती है, गर्दन नहीं हिला सकती है. उन्होंने कहा कि उनकी पत्नी करीब 42 दिन से वेंटिलेटर पर थी और दो दिन पहले ही उसे ICU में शिफ्ट किया गया है. सोमवार रात में इसके चेहरे पर कपड़ा लगा हुआ था. जब ये रोने लगी तो कपड़ा हटाकर देखा. तब खून नजर आया. आंख पर खून ही खून नज़र आ रहा था.

मैं घबरा गया और आनन फानन में ही नर्स को बुलाया नर्स ने तुरंत डॉक्टर को बुलाया. डॉक्टर ने कहा कि किसी कीड़े ने काट लिया पर उन्हें यकीन नहीं हुआ क्योंकि उनकी पत्नी की आँख का घाव बहुत गहरा था. आंख पर घाव था, पलक के दो टुकड़े हो गए. रात को ट्रीटमेंट कर दिया था. सुबह फिर से डॉक्टर आए उन्होंने चेक किया, ड्रेसिंग की. डॉक्टरों का कहना है कि चूहे द्वारा काटा गया है.

लापरवाही पर बोले जिम्मेदार
अस्पताल उपाधीक्षक डॉक्टर समीर टंडन से बात की गई तो उनका कहना है कि हर महीने अस्पताल में पेस्टिसाइड कंट्रोल करवाते हैं. अभी भी चल रहा है. इस घटना की पूरी जांच करवाएंगे. पेस्ट कंट्रोल के बाद भी यह घटना हुई है, इसमें जिम्मेदारी हमारी है, स्टाफ की है. स्ट्रोक यूनिट में चूहा कहां से आया. इस बारे में इंचार्ज व ड्यूटी पर मौजूदकर्मचारियों से बात कर जांच करवाएंगे.

वैसे भी जहां खाना पीने की चीजें होती हैं. चूहे आ जाते हैं. पेशेंट के अटेंडर भी अपने साथ खाने पीने का सामान रखते हैं. अस्पताल में चूहे तो हैं. मरीज के परिजन को भी आईसीयू में एंट्री रहती है. ऐसे में जब वे वहां पर मौजूद थे, तब उनकी भी जिम्मेदारी थी. हम ये नहीं कह सकते कि हमारी गलती इसमें नहीं है. इस संबंध में वॉर्ड इंचार्ज और प्रभारियों से भी रिपोर्ट मांगी गई है. उनकी लापरवाही सामने आती है, तो जांच हो जाएगी.