ममता ने PM कैंडिडेट के लिए खड़गे का नाम सुझाया: अरविंद केजरीवाल ने इसका किया समर्थन
नई दिल्ली: I.N.D.I.A के नेताओं की चौथी बैठक 19 दिसंबर को दिल्ली के अशोका होटल में हुई। इसमें पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने पीएम चेहरे के लिए मल्लिकार्जुन खड़गे के नाम का सुझाव रखा। अरविंद केजरीवाल ने इसका समर्थन किया।
यह जानकारी बैठक के बाद MDMK (मरूमलारची द्रविड़ मुनेत्र कड़गम) के सांसद वाइको ने दी। हालांकि पीएम फेस के सवाल पर यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने चुप्पी साध ली।
खड़गे ने कहा- पहले हम सभी को लोगों को जीतकर आना है, इसके बाद इस पर विचार होगा। इस पर काम करेंगे। अगर हमारे पास सांसद नहीं होंगे तो पीएम फेस के बारे में बात करके हम क्या करेंगे।
बैठक में कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, राहुल गांधी और पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, सपा नेता अखिलेश यादव, दिल्ली के CM अरविंद केजरीवाल, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती और RLD से जयंत चौधरी भी मौजूद रहे।
बैठक में इन पांच मुद्दों पर चर्चा हुई
सीट शेयरिंग फॉर्मूला फाइनल करना बैठक में 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर सीट शेयरिंग का मुद्दा चर्चा का केंद्र रहा। बीजेपी के खिलाफ 400 सीटों पर कॉमन कैंडिडेट उतारने के टारगेट पर बात हुई। वहीं, कांग्रेस की कोशिश है कि वह 275 से 300 सीटों पर अपने कैंडिडेट उतारे। पार्टी अन्य दलों को सिर्फ 200-250 सीटें देने के पक्ष में है।
कोऑर्डिनेटर कौन होगा? मीटिंग में I.N.D.I.A के कोऑर्डिनेटर के नाम पर चर्चा हुई। इसके लिए उद्धव ठाकरे, ममता बनर्जी, नीतीश कुमार के नामों पर विचार किया जा सकता है।
वैकल्पिक एजेंडा और मुद्दे क्या होंगे? बैठक में रणनीति बनाई गई कि भाजपा के सनातन और भगवा जैसे मुद्दों के जवाब में वे किन मुद्दों को लेकर जानता के बीच जाएं। मोदी और BJP विरोध से हटकर I.N.D.I.A के पास देश के लिए क्या प्लान है, इस पर भी बात हुई।
चुनाव अभियान और मैनेजमेंट I.N.D.I.A के नेताओं ने चर्चा कि कैंडिडेट फाइनल होने के बाद लोकसभा चुनाव के लिए टोन कैसे सेट किया जाए। कहां कितनी रैलियां होंगी और स्टार कैम्पेनर कौन होंगे। चुनाव अभियान की ब्रांडिंग कैसे होगी, इसके लिए किन एजेंसियों की मदद ली जा सकती है।
सदन से सांसदों के निलंबन पर चर्चा बैठक में लोकसभा और राज्यसभा से 141 सांसदों के निलंबन पर चर्चा हुई। विपक्षी दलों ने सांसदों के सस्पेंशन की निंदा की।