दूसरे प्रदेश की संस्कृति को प्रमोट करने पर छत्तीसगढ़ की सिंगर आरू साहू का विरोध: सोशल मीडिया पर हुई ट्रोल
रायपुर: छत्तीसगढ़ी सिंगर और लोक कलाकार 14 साल की आरू का विरोध किया जा रहा है। छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना के पदाधिकारी और कार्यकर्ता सोशल मीडिया पर इस बच्ची काे ट्रोल कर रहे हैं। हैशटैग बॉयकाट आरू साहू लिखी पोस्ट साझा की जा रही है। वजह ये है कि इस बच्ची ने छठ पर्व से जुड़ा गीत गाया है। आरू का विरोध करने वाले इसे दूसरे प्रदेश की संस्कृति को प्रमोट करने और इससे छत्तीसगढ़िया संस्कृति के नुकसान होने का दावा कर रहे हैं।
आरू साहू के पिता शीतकुमार ने कहा- सोशल मीडिया पर आरू के गाए छठ गीत का वीडियो आते ही विरोध होने लगा। मैंने छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना से जुड़े और कुछ अन्य लोगों की आईडी से आरू साहू के बॉयकाट वाले पोस्ट देखे। हम गांव के सीधे-साधे लोग हैं। हम इससे डर गए हैं। जान का डर तो सबको होता है। मैं छोटा सा किसान हूं, हम तो बस कोशिश करते हैं कि बेटी में टैलेंट है तो उसे राष्ट्रीय स्तर पर मंच मिले।
हम रुकेंगे नहीं
ये पूछे जाने पर कि क्या आगे अन्य प्रदेशों के गाने आरू गाएंगी, इस पर उनके पिता ने जवाब में कहा – हां हम रुकेंगे नहीं, जो विरोध हुआ है उसे देखकर दुख हुआ हमें भी। लता मंगेश्कर जी ने भी छत्तीसगढ़ के गाने गाए उनका तो महराष्ट्र में विरोध नहीं हुआ था। वैसे देखेंगे तो भगवान राम और कृष्ण उत्तर भारत के हैं मगर पूजे पूरे भारत में जाते हैं। वहां भेद नहीं होता।
छत्तीसगढ़िया संस्कृति का पूरा सम्मान
आरू ने इस मामले में कहा कि मेरी पहचान छत्तीसगढ़िया संस्कृति, बोली और संगीत है। मैं इसी के दम पर आगे बढ़ने का प्रयास कर रही हूं। मेरे गाए छठ गीत से मेरा मकसद किसी को आहत करना नहीं रहा। यदि किसी को मेरे काम से ठेस पहुंची है तो मैं क्षमा चाहती हूं। छत्तीसगढ़िया संस्कृति का मैं पूरा सम्मान करती हूं।