The Big Bull Review : अभिषेक बच्चन की ‘द बिग बुल’ हुई डिज़्नी प्लस हॉटस्टार पर रिलीज़

कूकी गुलाटी के निर्देशन में बनी ‘द बिग बुल’ (The Big Bull) गुरुवार को डिज़्नी प्लस हॉटस्टार पर रिलीज़ कर दी गयी। नब्बे के दौर में हुए स्टॉक मार्केट घोटाले से प्रेरित फ़िल्म होने की वजह से यह लगभग तय हो गया था कि इसे हंसल मेहता की बहुचर्चित वेब सीरीज़ ‘स्कैम 1992’ की कसौटी पर कसा जाएगा। मगर, ऐसा करना फ़िल्म के साथ अन्याय होगा। फ़िल्म की अपनी सीमाएं होती हैं, जो वेब सीरीज़ के फैलाव का मुक़ाबला नहीं कर सकतीं। इसीलिए, ‘स्कैम 1992- द हर्षद मेहता स्टोरी’ को वहीं रहने देते हैं, जहां वो है। हम आगे बढ़ते हैं।


बहरहाल, ‘द बिग बुल’ की कहानी मोटे तौर पर आप सब जानते हैं। नब्बे के दशक में जो पीढ़ी इतनी समझदार हो चुकी थी कि रोज़ अख़बार पढ़ती हो, उसे ‘द बिग बुल’ की कहानी का बहुत गहरा नहीं, मगर सतही अंदाज़ा ज़रूर होगा। कम से कम 5000 करोड़ के उस घोटाले के बारे में तो ज़रूर जानते होंगे, जो इस फ़िल्म की कहानी की मुख्य प्रेरणा है।
द बिग बुल की कथा-पटकथा कूकी गुलाटी और अर्जुन धवन ने लिखी है। कथा में तो कुछ नया नहीं है, मगर पटकथा के साथ लेखकों ने खेल खेला है। हेमंत शाह की कहानी को सेलिब्रेटेड बिज़नेस जर्नलिस्ट मीरा राव के नैरेशन के रूप में दिखाया है, जो हेमंत की सलाह पर उसकी बायोपिक द बिग बुल लिखती है और 2020 में एक कार्यक्रम में मैनेजमेंट के स्टूडेंट्स को सुनाती है।
मीरा राव ही वो जर्नलिस्ट है, जिसने हेमंत शाह के घोटाले से पर्दा उठाया था। द बिग बुल की पटकथा शुरुआती दृश्यों में थोड़ा चकरा देती है, क्योंकि बहुत तेज़ी से कालखंड बदलती है। नब्बे से अस्सी के दशक में पहुंचती और वापस आती है। मगर, जैसे-जैसे हेमंत शाह का गेम शुरू होता है, कहानी दर्शक को पकड़ लेती है।
हेमंत शाह के किरदार की पूरी यात्रा को अभिषेक बच्चन ने दिल से जीया है। आर्थिक तंगी के मारे हेमंत शाह से लेकर देश के सबसे अमीर लोगों में शामिल होने वाले हेमंत शाह के किरदार के ग्राफ को अभिषेक ने अपनी शारीरिक भाषा और हाव-भाव से जीवंत किया है। इस किरदार के शांत स्वभाव, शातिर दिमाग़ और सामने वाले को भेदती आंखों को अभिषेक ने अपना बना लिया है।
मीरा राव के किरदार में इलियाना डिक्रूज़ जंची हैं। हेमंत शाह की पहले प्रेमिका और फिर पत्नी के किरदार में निकिता दत्ता ख़ूबसूरत लगी हैं, मगर अभिषेक के साथ उनकी उम्र का फ़ासला अखरता है। हेमंत के छोटे भाई वीरेन शाह के रोल में सोहम शाह ने अच्छा काम किया है। इस कहानी में उनका किरदार बेहद अहम है।
हेमंत और वीरेन की मां के किरदार में सुप्रिया पाठक के दृश्यों को थोड़ा और इंटेंस बनाया जा सकता है। द बिग बुल आर्थिक-थ्रिलर फ़िल्म है, जिसमें गाने फ़िल्म की रवानगी को प्रभावित करते हैं। अब समय आ गया है कि बॉलीवुड को कहानी के बीच में गानों को ठूसने के चलन और लालच से बचना चाहिए।
‘द बिग बुल’ की एक और बात तो खटकती है, इसका मैसेज। फ़िल्म को सोशल मीडिया में यह कहकर प्रचारित किया गया कि ‘कल से बड़ा सोचो।’ मगर, जब द बिग बुल ख़त्म होती है, तो ज़हन में सवाल उठता है- बड़ा सोचने की कीमत क्या गुमनाम मौत के रूप में चुकानी होगी? बड़ा सोचने पर हेमंत शाह की तरह अंजाम भला कौन चाहेगा? ख़ैर, फ़िल्म ही तो है। ज़्यादा सीरियसली मत लीजिए।
‘द बिग बुल’ स्टॉक एक्सचेंज घोटाले के मास्टरमाइंड को विलेन के बजाय मानवीय दृष्टिकोण से देखने के लिए मजबूर करती है। फ़िल्म का क्लाइमैक्स आपको इस सवाल के साथ छोड़ जाता है कि हेमंत शाह हीरो था या विलेन या इन दोनों के बीच कोई ऐसा शख़्स, जो बस अच्छी ज़िंदगी चाहता था।
कलाकार- अभिषेक बच्चन, इलियाना डिक्रूज़, निकिता दत्ता, सोहम शाह, सुप्रिया पाठक, सौरभ शुक्ला, राम कपूर आदि।
निर्देशक- कूकी गुलाटी
निर्माता- अजय देवगन, आनंद पंडित।
