BIG NEWS : शादी समारोह में 25 लोगों के सामिल होने की मिली अनुमति.. 2 घंटे के भीतर निपटाना होगा शादी.. नियमों का उल्लंघन करने पर लगेगा 50 हजार रूपए का जुर्माना
मुंबई। प्रदेशभर में फिर कोरोना के प्रकोप को देखते हुए सरकार सतर्क हो गई है और सख्त पाबंदियों के साथ लॉकडाउन या नाइट कर्फ्यू भी लगाने का सिलसिला लगातार जारी है। इसी बीच कोरोना के बढ़ते ग्राफ को देखते हुए महाराष्ट्र सरकार ने राज्य में सख्ती बढ़ा दी है। नई गाइडलाइंस के मुताबिक, जरूरी और आपातकालीन स्थिति को छोड़कर अन्य सभी गतिविधियों और सेवाओं पर रोक लगा दी गई है।
राज्य सरकार की ओर से जारी गाइडलाइंस के मुताबिक, जरूरी सेवा, चिकित्सा कारण और टीकाकरण के अलावा अन्य किसी काम के लिए पब्लिक या प्राइवेट ट्रांसपोर्ट की अनुमति नहीं होगी। यानी आप अपनी गाड़ी से भी सड़क पर तभी निकल सकते हैं, जब अस्पताल जा रहे हों, टीका लगवाने जा रहे हों, या आप किसी जरूरी सेवा से जुड़े हुए हों।
आज से लागू होने वाली नई गाइडलाइंस के मुताबिक राज्य में शादी समारोह अब सिंगल इवेंट के रूप में आयोजित किया जाएगा और इसके लिए सिर्फ एक हॉल के इस्तेमाल की अनुमति होगी। शादी कार्यक्रम को 2 घंटे के भीतर निपटाना होगा और इसमें 25 से ज्यादा लोगों को शामिल होने की अनुमति नहीं होगी। राज्य सरकार ने अपने निर्देश में कहा है कि अगर कोई भी परिवार नियमों का उल्लंघन करता हुआ पाया गया तो 50 हजार का जुर्माना भरना होगा।
नई पाबंदियां 22 अप्रैल की रात 8 बजे से 1 मई की सुबह तक लागू रहेंगी। राज्य में कोरोना के हालात को देखते हुए कहा जा सकता है कि सरकार का ये फैसला लॉकडाउन की तरह ही है। पब्लिक ट्रांसपोर्ट में सिर्फ आवश्यक सेवाओं को ही चालू रखने की अनुमति है, जो लोग आवश्यक सेवाओं से जुड़े हैं, उन्हें ही पब्लिक ट्रांसपोर्ट में यात्रा की अनुमति होगी।
नए आदेश के मुताबिक इमरजेंसी सेवाओं को छोड़कर सरकारी ऑफिसों में कर्मचारियों की संख्या को घटाकर 15 प्रतिशत कर दिया गया है, साथ ही सरकारी और निजी दफ्तरों में 15 फीसदी से अधिक कर्मचारी नहीं होंगे। केवल वही निजी दफ्तर खुलेंगे, जो जरूरी सेवा से जुड़े हैं या छूट की कैटेगिरी में हैं।
ब्रेक द चेन अभियान के तहत जारी की गई नई गाइडलाइन में कहा गया है कि प्राइवेट पैसेंजर ट्रांसपोर्ट को आवश्यक सेवाओं के लिए ही अनुमति दी जाएगी, जिसमें यात्रियों की संख्या ड्राइवर को मिलाकर 50 फीसदी रहेगी। इसमें कोई भी पैसेंजर खड़ा नहीं होना चाहिए।
साथ ही एक शहर से दूसरे शहर के बीच यातायात की अनुमति नहीं होगी। इसके लिए भी सिर्फ इमरजेंसी सेवाओं को ही अनुमति होगी। अंतिम संस्कार और परिवार के सदस्य के बीमार होने की स्थिति में भीड़ की अनुमति नहीं होगी। नियम का उल्लंघन करने पर 10 हजार का जुर्माना देना होगा।
गाइडलाइन में कहा गया है कि एक शहर से दूसरे शहर की यात्रा के दौरान बसों को सिर्फ दो स्टापेज पर रूकने की अनुमति होगी। इसकी परमिशन डीएमए से लेनी होगी। स्टापेज पर यात्रियों के उतरने के बाद उनके हाथों पर 14 दिनों के होम क्वारंटीन की मुहर लगेगी। अगर कोई संक्रमित पाया जाता है, तो उसे कोरोना केयर सेंटर ले जाया जाएगा।