January 26, 2025

जाको राखे साईंया मार सके ना कोय, श्मशान घाट में चिता पर जिंदा हुआ शख्श, फिर भी मौत ने नहीं छोड़ा पीछा


‘जाको राखे साईंया मार सके ना कोय- बाल न बांका कर सके जो जग बैरी होय’, ये पुरानी कहावत तो आपने सुना ही होगा। लेकिन जब ये हकीकत में हो जाए तब क्या हो? ऐसा ही एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। जहां एक शख्स शमशान घाट पर ही जिंदा हो गया।


यह हैरान कर देने वाली घटना राजस्थान के झुंझुनूं जिले की है, जिसमें एक व्यक्ति को मृत घोषित करने के बाद वह श्मशान घाट में जिंदा हो गया. यह घटना तब घटी जब गुरुवार दोपहर को जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने एक व्यक्ति को मृत घोषित कर दिया.

इसके बाद, शव को मोर्चरी भेज दिया गया, जहां उसे डी-फ्रिज में दो घंटे तक रखा गया. शव को पुलिस की मदद से पंचनामा बनवाने के बाद एंबुलेंस से श्मशान घाट ले जाया गया. श्मशान घाट पर चिता पर लेटे इस व्यक्ति के शरीर में अचानक हरकत होने लगी और उसकी सांसें चलने लगीं

यह देखकर सभी लोग चकित रह गए और तुरंत एंबुलेंस बुलाकर उसे वापस अस्पताल भेजा गया. रात भर भगवान दास खेतान हॉस्पिटल में भर्ती रखने के बाद शुक्रवार सुबह मरीज की गंभीर स्थिति को देखते हुए जयपुर रेफर किया गया.

एंबुलेंस से उसे जयपुर ले जाया जा रहा था, लेकिन उसने बीच रास्ते में ही दम तोड़ दिया. व्यक्ति रोहिताश की उम्र लगभग 50 वर्ष बताई जा रही है.

इस लापरवाही के बाद राज्य सरकार ने तीन चिकित्सकों को निलंबित कर दिया है. यह निर्णय जिला कलेक्टर रामावतार मीना से प्राप्त रिपोर्ट और जांच के आधार पर लिया गया है.

जिन चिकित्सकों को निलंबित किया गया है, उनमें डॉ. संदीप पंचार, प्रमुख चिकित्सा अधिकारी, बीडीके अस्पताल, डॉ. योगेश कुमार जाखड, चिकित्सा अधिकारी (मेडिसिन), सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, मन्ड्रेला और डॉ. नवनीत मील, चिकित्सा अधिकारी, बीडीके अस्पताल शामिल हैं. निलंबित चिकित्सकों के खिलाफ विभागीय जांच जारी है.


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